हमारे बारे में

विश्व संवाद केन्द्र, काशी - भारतीय संस्कृति एवं ज्ञान परंपरा के संवर्धन हेतु समर्पित संस्थान

विश्व संवाद केन्द्र, काशी

विश्व संवाद केन्द्र, काशी एक अग्रणी सांस्कृतिक संस्थान है जो भारतीय ज्ञान परंपरा, संस्कृति और साहित्य के संवर्धन एवं प्रसार के लिए समर्पित है। हमारा उद्देश्य विश्व में भारतीय मूल्यों और दर्शन को स्थापित करना है।

काशी की पावन भूमि से हमारा यह प्रयास है कि हम अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को नई पीढ़ी तक पहुँचाएं और आधुनिक समय की चुनौतियों के समाधान में भारतीय ज्ञान परंपरा का योगदान दें।

3+

वर्षों का अनुभव

100+

विद्वान सहभागी

5000+

प्रतिभागी

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हमारा मिशन

भारतीय संस्कृति, दर्शन और ज्ञान परंपरा को आधुनिक संदर्भों में प्रासंगिक बनाना और विश्व समुदाय के साथ साझा करना। काशी शब्दोत्सव के माध्यम से एक ऐसा मंच तैयार करना जहाँ पारंपरिक ज्ञान और आधुनिक विचारधारा का संगम हो सके।

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हमारा विजन

एक ऐसे विश्व का निर्माण जहाँ भारतीय संस्कृति और मूल्य मानवीय कल्याण के लिए मार्गदर्शक हों। काशी को विश्व की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक राजधानी के रूप में स्थापित करना और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारतीय ज्ञान परंपरा को प्रतिष्ठित करना।

भगवान शिव की नगरी काशी

भगवान शिव की नगरी काशी - अविमुक्त क्षेत्र, मोक्षदायिनी, ज्ञान और अध्यात्म भूमि के रूप में विख्यात हैं। यहां के कण-कण में शिव विराजमान हैं। 'मरणं मंगलं यत्र', अर्थात मृत्यु भी यहां मंगलदायक है। काशी ज्ञान प्रकाशिका है।

इन्हीं विशेषताओं के कारण यहां बुद्ध, शंकराचार्य, रामानन्द, कबीर, रविदास, तुलसीदास, विवेकानन्द आदि साधक, संत, विद्वान आये तथा प्रतिष्ठित हुए। नटराज शिव की पुरी यह कला और कलाकारों का भी केन्द्र है। ऐसे प्राचीन ज्ञानकेन्द्र काशी में - काशी शब्दोत्सव का आयोजन उसी परम्परा का नवस्मरण है।

शब्दोत्सव की शुरुआत

भारतीय कला, संस्कृति और साहित्य आधारित वैचारिक यात्रा की शुरुआत 2023 में काशी शब्दोत्सव के साथ हुई। यह आयोजन केवल एक सांस्कृतिक समारोह नहीं, वरन भारतीय चिंतन परम्परा के नवोन्मेष का मंच रहा है।

2023 और 2024 के आयोजनों से यह स्पष्ट हुआ कि विचारों का प्रवाह जितना व्यापक होगा, राष्ट्र की चेतना उतनी ही जाग्रत होगी। पिछले वर्षों में देशभर के विद्वानों, लेखकों, पत्रकारों, कलाकारों, शिक्षाविदों, संतों और सिनेमा से जुड़ी हस्तियों ने काशी शब्दोत्सव को केवल मंच नहीं, बल्कि एक वैचारिक केन्द्र बना दिया।

हमारा लक्ष्य

2025 का यह आयोजन उसी परम्परा की अगली कड़ी है और यह पहले से अधिक व्यापक, संवादात्मक और सृजनशील होने जा रहा है। काशी, जो स्वयं शब्द की नगरी, ज्ञान की धुरी और आत्मा की मुक्ति का केन्द्र रही है, वह एक बार फिर विचार मंथन का मंच बन रही है।

इसमें प्रस्तुत विचार-श्रृंखला भारत को केवल एक भू-राजनीतिक इकाई नहीं, अपितु एक चेतन, सजीव और विचारशील राष्ट्र के रूप में प्रतिष्ठित करने की दिशा में एक विनम्र प्रयास है।

वैश्विक संदर्भ

विश्व में बढ़ती हिंसा, अराजकता एवं बाजारवाद से मानवीय मूल्यों का अवमूल्यन हुआ है। पश्चिम की उपभोक्तावादी एवं अर्थ प्रधान दृष्टिकोंण ने मानव समुदाय को प्रकृति के रक्षक के स्थान पर उसका भक्षक बना दिया है।

वर्तमान के विश्व व्यवहार से भविष्य की पीढ़ियों के लिए संकट उत्पन्न हो गया है। इस कारण स्वार्थ पर परमार्थ, पशुता पर मानवता जैसे दृष्टिकोंण को विश्वपटल पर प्रभावी बनाने के लिए वर्तमान में ''विश्व कल्याण: भारतीय संस्कृति'' का विमर्श आवश्यक है।

संपर्क सूत्र

संयोजक

डॉ. हरेन्द्र राय

विश्व संवाद केन्द्र, काशी

पता

63, माधव कुंज, माधव मार्केट
लंका, वाराणसी - 221005

संपर्क (काशी)

प्रो. ओम प्रकाश सिंह: 9415694457
प्रो. शैलेश मिश्र: 7522086391
डॉ. अम्बरीष राय: 8318854529
डॉ. लहरी राम मीणा: 8010776556

संपर्क (नई दिल्ली)

9818774661
9971598416